२. त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ति
त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ति दत्त हा जाणा |
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्यराणा |
नेति नेति शब्द न ये अनुमाना |
सुरवर मुनिजन योगी समाधिले ध्याना ॥ १ ॥
जयदेव जयदेव जय श्रीसद्गुरुदत्ता |
आरती ओवाळीतां हरसि भवचिंता ॥ धृ ॥
सबाह्यअभ्यंतरीं तूं एक दत्त |
अभाग्यासी कैसी न कळे ही मात |
पराही परतली कैचा हा हेत |
जन्ममरणाचा पुरला असे अंत ॥ २ ॥ जय देव...
दत्त येऊनीयां उभा ठाकला |
सद्भावें साष्टांगें प्रणिपात केला |
प्रसन्न होऊनिया आशीर्वाद दिधला |
जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला ॥ ३ ॥ जय देव...
दत्त दत्त ऐसे लागलें ध्यान |
हरपलें मन झालें उन्मन |
मी तूं पणाची झाली ओसण |
एका जनार्दनी श्रीदत्त ध्यान ॥ ४ ॥ जय देव...
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